Uttarakhand rains: 3,000 people rescued, 1,000 more still stranded on Kedarnath route


रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद बचाव और पुनर्स्थापन का कार्य जारी

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के रास्ते पर भारी बारिश से भारी नुकसान हुआ है। 1 अगस्त 2024 को इस क्षेत्र में बचाव और पुनर्स्थापन का काम तेजी से चल रहा है। अब तक 3,000 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन अभी भी 1,000 लोग केदारनाथ में बचाव का इंतजार कर रहे हैं।

उत्तराखंड में मौसम में सुधार हुआ है। अब भारी बारिश नहीं हो रही है। हालांकि, कल के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सभी प्रमुख मार्ग खुल गए हैं, लेकिन केदारनाथ से गौरीकुंड के बीच का मार्ग अभी भी बंद है। इस बचाव अभियान के लिए चार हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं, जिनमें भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं।

रुद्रप्रयाग में बचाव कार्य कठिनाइयों के बावजूद तेज़ी से हो रहा है। भारी बारिश से सड़कों और पुलों को भारी नुकसान हुआ है। इससे यातायात बाधित हो गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में मुश्किलें आ रही हैं। प्रशासन ने तत्काल कदम उठाए हैं और बचाव दलों को सक्रिय किया है।

केदारनाथ धाम का रास्ता कई स्थानों पर टूट गया है। मलबे और पत्थरों से सड़कें बंद हो गई हैं। बचाव कर्मी लगातार मलबा हटाने और रास्ते खोलने में जुटे हैं। भारी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही स्थानीय लोग भी सहयोग कर रहे हैं। 

बचाव कार्य में लगे एक अधिकारी ने बताया, "हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि सभी फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके। हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है।" 

स्थानीय प्रशासन ने राहत शिविरों की व्यवस्था की है। वहां फंसे हुए लोगों को खाना, पानी और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। मेडिकल टीम भी तैनात की गई है ताकि घायल लोगों का तत्काल इलाज हो सके।

भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने बचाव कार्य को गति दी है। हेलीकॉप्टरों से प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सामग्री पहुंचाई जा रही है। साथ ही, फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया, "हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि किसी भी तरह की देरी ना हो। हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाना है।"

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हो सकते हैं। ऑरेंज अलर्ट जारी होने के कारण प्रशासन ने सभी नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है। लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। 

रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी ने कहा, "हम पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। बचाव कार्य जारी है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि सभी फंसे हुए लोगों को जल्द ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।"

स्थानीय लोग भी प्रशासन के साथ मिलकर बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हम सब मिलकर इस कठिन समय से निपट रहे हैं। हम प्रशासन के साथ हैं और हर संभव मदद कर रहे हैं।"

केदारनाथ धाम में फंसे लोगों की चिंता बढ़ गई है। लेकिन प्रशासन का कहना है कि सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हेलीकॉप्टरों के माध्यम से जरूरी सामान पहुंचाने का काम भी जारी है।

अभी भी कई स्थानों पर सड़कें बंद हैं। लेकिन बचाव दल पूरी ताकत से काम कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने सभी नागरिकों से सहयोग की अपील की है। साथ ही, लोगों को अफवाहों से बचने और केवल सरकारी सूचनाओं पर विश्वास करने की सलाह दी गई है।

इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार से मदद की अपील की है। केंद्र सरकार ने भी तत्काल सहायता का आश्वासन दिया है। सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

भारी बारिश के कारण केदारनाथ धाम की यात्रा पर भी असर पड़ा है। यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है। यात्रा मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है।

इस संकट की घड़ी में सभी लोगों से संयम और धैर्य रखने की अपील की गई है। प्रशासन ने सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने की सलाह दी है।

रुद्रप्रयाग में चल रहे बचाव और पुनर्स्थापन कार्य में जुटे सभी कर्मियों की प्रशंसा की जा रही है। उनका समर्पण और मेहनत इस कठिन समय में लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सभी की उम्मीद है कि जल्द ही यह संकट समाप्त होगा और सभी लोग सुरक्षित होंगे।

Post a Comment

0 Comments