
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि राज्य के 13 जिलों को आपदा राहत और बचाव कार्यों के लिए 315 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। यह घोषणा 2 अगस्त 2024 को की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राशि उन जिलों में बाढ़, भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए उपयोग की जाएगी। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य आपदा के समय लोगों की मदद करना और नुकसान को कम करना है।
धामी ने कहा कि यह कदम राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा, "आपदा प्रबंधन के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हम किसी भी परिस्थिति में जनता को अकेला नहीं छोड़ेंगे।"
राज्य सरकार ने पहले से ही आपदा प्रबंधन के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं। इनमें त्वरित बचाव दल, राहत शिविरों की स्थापना, और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इन योजनाओं को और भी प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
इन 13 जिलों में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल, चंपावत और ऊधम सिंह नगर शामिल हैं। इन जिलों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राशि का सही और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम इस बात का ध्यान रखेंगे कि यह राशि जरूरतमंदों तक पहुंचे और सही तरीके से उपयोग हो। इसके लिए विशेष निगरानी दल का गठन किया जाएगा।"
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह राशि राहत सामग्री, बचाव उपकरण, और आवश्यक सेवाओं के लिए उपयोग की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस राशि से जिलों में तत्काल प्रभाव से काम शुरू किया जाएगा।
राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे सभी आवश्यक कदम उठाएं ताकि राहत और बचाव कार्यों में कोई भी बाधा न आए।
धामी ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति आपदा के समय बिना मदद के न रहे। उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकता है कि हर एक व्यक्ति तक सहायता पहुंच सके। इसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।"
इसके अलावा, राज्य सरकार ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे आपदा के समय संयम बरतें और सरकार के निर्देशों का पालन करें। मुख्यमंत्री ने कहा, "जनता का सहयोग हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम सब मिलकर ही इस चुनौती का सामना कर सकते हैं।"
सरकार ने राहत कार्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि जरूरतमंद लोग आसानी से मदद पा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी न हो।
राज्य सरकार के इस कदम की सराहना की जा रही है। नागरिकों ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। लोगों का कहना है कि इससे आपदा के समय उन्हें काफी मदद मिलेगी।
धामी ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है और राज्य सरकार आने वाले समय में और भी कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड को आपदा मुक्त राज्य बनाना। इसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।"
आपदा राहत और बचाव कार्यों के लिए राज्य सरकार का यह कदम बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे न केवल आपदा के समय लोगों की मदद होगी बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय राज्य की जनता के हित में लिया गया है। उन्होंने कहा, "हम जनता के साथ हैं और हमेशा उनके लिए काम करते रहेंगे।"
राज्य सरकार ने इस निर्णय से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आपदा प्रबंधन के प्रति पूरी तरह से गंभीर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि हर व्यक्ति सुरक्षित रहे और किसी को भी किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
उत्तराखंड में हर साल बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा रहता है। ऐसे में राज्य सरकार का यह कदम बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे न केवल राहत और बचाव कार्यों में तेजी आएगी बल्कि लोगों का भी सरकार के प्रति विश्वास बढ़ेगा।
धामी ने कहा कि राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि आपदा प्रबंधन को और भी प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने कहा, "हम हर संभव प्रयास करेंगे कि उत्तराखंड को आपदा मुक्त राज्य बना सकें।"
इस प्रकार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई इस घोषणा से राज्य के 13 जिलों को आपदा राहत और बचाव कार्यों में काफी मदद मिलेगी। इससे न केवल आपदा के समय लोगों की मदद होगी बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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